टूटा 15 साल का रिकॉर्ड मई की शुरुआत में फरवरी की ठंड का अहसास
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिन से हो रही बारिश के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। 15 वर्ष पहले ऐसा मौसम देखने को मिला था और इस बार मई की शुरुआत में ही फरवरी की ठंड का अहसास हो रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वहीं मौसम बदलने से लोगों की सेहत पर भी असर पड़ेगा ।
मई माह के पहले ही दिन फरवरी माह जैसी ठंड का अहसास लोगों को हुआ है। कुछ सप्ताह पहले तक ही 42 डिग्री तक पारा पहुंच गया था। अब पिछले दो दिन में 22.2 डिग्री तक आ गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 15 वर्ष पहले ऐसा मौसम देखने को मिला था। आने वाले तीन दिन तक अभी ऐसी ही बारिश और ठंडा मौसम रहेगा।
दरअसल, फरवरी माह के अंत से ही मौसम के तेवर बदलने शुरू हो गए थे और तापमान में तेजी से उछाल आने लगा था। मार्च माह के अंत तक तापमान 32 पार पहुंच गया था। वहीं, अप्रैल माह में ही गर्मी ने प्रचंड रुप दिखाया और तापमान 42 डिग्री तक आ गया। पिछले दो दिन से शहर से लेकर देहात तक बारिश हो रही है। सोमवार को भी दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। इस कारण तापमान गिरकर 22.2 डिग्री पर आ गया।
तापमान में ऐसी गिरावट आने से मई माह के पहले ही दिन फरवरी जैसी ठंड महसूस हुई। 13 मई को अंतिम बार 21.1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार लगभग 15 साल पहले ऐसे हालात थे।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही का कहना है कि अभी तीन दिन तक इसी तरह का मौसम बना रहेगा। बारिश से तापमान गिरने से ठंड का एहसास बढ़ेगा। मौसम कार्यालय पर दिन का तापमान 22.2 डिग्री व न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री दर्ज किया गया। बारिश 5.8 मिमी दर्ज की गई।
10 मई तक नहीं चलेगी लू, बारिश से किसान चिंतित
तीन दिन तक अभी मौसम ऐसा ही बना रहेगा। पांच मई के बाद मौसम में बदलाव देखने काे मिलेगा और धीरे-धीरे तापमान में वृद्धि दर्ज की जाएगी। अप्रैल माह में लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण लू का प्रकोप दिखाई देने लगा था। मौसम में इस बदलाव के बाद लू का प्रकोप खत्म हो गया है। कृषि प्रणाली के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन सुभाष का कहना है कि पांच मई के बाद मौसम फिर बदलेगा और तापमान बढ़ेगा, लेकिन 10 मई से पहले लू चलने की संभावना नहीं है।
वहीं, मौजूदा मौसम से किसान चिंतित हैं। जिन किसानों की गेहूं की फसल खेतों में मौजूद है। उन्हें ज्यादा परेशानी है। इसके अलावा फूलों और सब्जियों की फसल भी प्रभावित होगी। बारिश के चलते सब्जियों की तुड़ाई न होने से बाजार में सब्जियों के दाम भी बढ़ने लगे हैं।
हवा की गुणवत्ता में हुआ सुधार : दो दिन से हो रही बारिश से शहर की हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। सोमवार को मेरठ में एक्यूआई का स्तर 52 दर्ज किया गया। जबकि, जयभीमनगर सबसे शुद्ध रहा। यहां 38 एक्यूआई दर्ज किया गया। गंगानगर में 45 व पल्लवपुरम में 74 एक्यूआई दर्ज किया गया।
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