सुबह 6.15 बजे सहरसा जेल से छोड़ा गया, डीएम की हत्या के दोषी आनंद मोहन रिहा

Apr 27, 2023 - 11:05
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सुबह 6.15 बजे सहरसा जेल से छोड़ा गया,  डीएम की हत्या के दोषी आनंद मोहन रिहा

बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह को आज जेल से रिहा कर दिया गया है। बताया गया था कि आनंद मोहन को आज दिन में जेल से रिहा किया जाएगा लेकिन अब खबर है कि आनंद मोहन को तड़के सुबह 6:15 बजे ही जेल से रिहा कर दिया गया।

बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह को आज जेल से रिहा कर दिया गया है। खबर है कि आनंद मोहन को सुबह 6:15 बजे ही जेल से रिहा कर दिया गया। बाहुबली नेता की रिहाई के दौरान अधिक भीड़ होने की आशंका जताई जा रही थी, लिहाजा एहतियात बरतते हुए प्रशासन ने ये फैसला लिया और उन्हें तड़के सुबह ही जेल से छोड़ दिया। बता दें कि बिहार सरकार ने हाल ही में आनंद मोहन के सहित 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति देते हुए जेल नियमों में संशोधन किया था। बाहुबली नेता 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे।

IAS की हत्या के लिए काट रहे थे उम्रकैद 

भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी जी.कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन, राज्य की अलग-अलग जेलों में 14 सालों से ज्यादा समय से बंद 26 अन्य कैदियों के साथ रिहा किए गए हैं। इस संबंध में सोमवार देर शाम एक अधिसूचना जारी की गई थी, जब आनंद मोहन अपने बेटे चेतन आनंद की सगाई के कार्यक्रम में थे, जो राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक हैं। आनंद मोहन तब पैरोल पर जेल से बाहर आए थे।  

कृष्णैया की पीट-पीट कर हुई थी हत्या 
बता दें कि तेलंगाना में जन्मे आईएएस अधिकारी कृष्णैया दलित समुदाय से थे। वह बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी थे और 1994 में जब मुजफ्फरपुर जिले से गुजर रहे थे तभी भीड़ ने पीट-पीट कर उनकी हत्या कर दी थी। हत्या की घटना के वक्त आनंद मोहन मौके पर मौजूद थे, जहां वह दुर्दांत गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा में शामिल हो रहे थे। शुक्ला की मुजफ्फरपुर शहर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। शुक्ला भूमिहार जाति से था, जबकि उससे सहानुभूति रखने वाले आनंद मोहन राजपूत जाति से आते हैं। 

रिहाई वाले कैदियों की लिस्ट पर सवाल उठे 
आनंद मोहन के साथ 26 और ऐसे कैदी आज बिहार की जेलों से रिहा किए गए, जो हत्या और रेप जैसे संगीन अपराधों में सजा काट रहे थे। बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल की गई है। वहीं बिहार सरकार जिन 27 कैदियों को रिहा कर रही है, उस लिस्ट में एक ऐसा कैदी भी शामिल है जिसकी 6 महीने पहले मौत हो चुकी है। ऐसे में जेल प्रशासन द्वारा आनन फानन में बनाई गई लिस्ट सवालों के घेरे में है। 

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