"मासिक शिवरात्रि और सावन" सोमवार का संयोग एक साथ !!
कल यानी 14 अगस्त 2023 को सावन का छठा सोमवार है। इसी दिन सावन की मासिक शिवरात्रि भी है। ये दोनों ही तिथियां शिव जी को समर्पित हैं। ऐसे में इस दिन व्रत रख कर पूजा करने से भोलेबाबा की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
कल यानी 14 अगस्त 2023 को सावन का छठा सोमवार है। इसी दिन सावन की मासिक शिवरात्रि भी है। ये दोनों ही तिथियां शिव जी को समर्पित हैं। ऐसे में इस दिन व्रत रख कर पूजा करने से भोलेबाबा की विशेष कृपा प्राप्त होगी। साथ ही शिव जी के भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। यदि आप भी शिव जी का आशिर्वाद पाना चाहते हैं तो इस दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें। शिव तांडव स्तोत्र को बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है। इसकी रचना रावण द्वारा की गई है। मान्यता है कि शिव तांडव स्तोत्र का पाठ अन्य किसी भी पाठ की तुलना में शिव जी को अधिक प्रिय है।ऐसे में चलिए जानते हैं शिव तांडव स्तोत्र के फायदे और पाठ करने की विधि...
- शिव तांडव स्तोत्र का पाठ सुबह या शाम के समय प्रदोष काल में करना चाहिए।
- इसके लिए सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें, फिर भगवान शिव शंकर को प्रणाम करें और धूप, दीप और नैवेद्य से उनका पूजन करें।
- रावण ने पीड़ा के कारण इस स्तोत्र को बहुत तेज स्वर में गाया था, इसलिए आप भी गाकर शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
- पाठ पूर्ण हो जाने के बाद शिव जी का ध्यान करें।
शिव तांडव स्तोत्र पाठ के फायदे
- नियमित रूप से शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से भोलेबाबा प्रसन्न होते हैं।
- इसका पाठ करने वाले जातक के जीवन में कभी भी धन-सम्पति की कमी नहीं होती है।
- शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति का चेहरा तेजमय होता है और आत्मबल मजबूत होता है।
- शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
- शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से कुडंली में शनि का कुप्रभाव कम होता है।
- जिन लोगों की कुण्डली में सर्प योग, कालसर्प योग या पितृ दोष हो उन्हें भी शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
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