कर्नाटक ओपिनियन पोल: कर्नाटक में कांग्रेस होगी सबसे बड़ी पार्टी, भारी पड़ेगा 8 का आंकड़ा
कर्नाटक विधानसभा की 242 सीटों के लिए मतदान 10 मई को होंगे और वोटों की गिनती 13 मई को होगी। इससे पहले ओपिनियन पोल के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होगी लेकिन उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता दिख रहा।
नई दिल्ली, 7 मई: विपक्षी पार्टी कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर सकती है, लेकिन आठ सीटों के कारण उसे स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। रविवार की शाम इंडिया टीवी चैनल पर इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल प्रसारित किया गया। पोल के मुताबिक, कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों में से कांग्रेस 105 सीटें जीत सकती है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा 85 सीटेों पर ही जीत हासिल कर सकती है। वहीं, जनता दल (एस) के पाले में 32 सीटें आ सकती हैं और 'अन्य' को दो सीटें मिल सकती हैं।
2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में, बीजेपी ने 104, कांग्रेस ने 80, जेडी (एस) ने 37 और 'अन्य' ने तीन सीटें जीती थीं।
ओपिनियन पोल में वोट शेयर के अनुमान दिखाते हैं कि कांग्रेस को 40.32 फीसदी, बीजेपी को 35.5 फीसदी, जेडी (एस) को 17.81 फीसदी और 'अन्य' को 6.37 फीसदी वोट मिल सकते हैं। बता दें कि 2018 के चुनावों में कांग्रेस को 38.04 फीसदी, बीजेपी को 36.22 फीसदी, जेडी(एस) को 18.36 फीसदी और 'अन्य' को 7.38 फीसदी वोट मिले थे.
जाति और समुदाय आधारित वोट शेयर
अनुमानों से पता चलता है कि जाति और समुदाय के अनुसार, कांग्रेस को 75.3 फीसदी कुरुबा वोट, 15.11 फीसदी लिंगायत वोट, 17.57 फीसदी वोक्कालिगा वोट, 40.56 फीसदी एससी वोट, 34.58 फीसदी ओबीसी वोट, 42.35 फीसदी एसटी वोट और 78 फीसदी मुस्लिम वोट मिल सकते हैं। दूसरी ओर, बीजेपी को 15.14 फीसदी कुरुबा वोट, 75.8 फीसदी लिंगायत वोट, 17.39 फीसदी वोक्कालिगा वोट, 39.6 फीसदी एससी वोट, 51.7 फीसदी ओबीसी वोट, 32.18 फीसदी एसटी वोट और केवल 2.07 फीसदी अन्य जाति और समुदाय के वोट मिल सकते हैं। पोल के मुताबिक जद (एस) को 56 फीसदी वोक्कालिगा वोट मिल सकते हैं।
क्षेत्रवार वोट शेयर का अनुमान
इंडिया टीवी-सीएनएक्स पोल के अनुमान के मुताबिक क्षेत्र-वार वोट शेयर की बात करें तो, बीजेपी और कांग्रेस को ग्रेटर बैंगलोर की कुल 32 सीटें में 15-15 सीटें मिल सकती हैं, जबकि जेडी (एस) को दो सीटें मिल सकती हैं।
मध्य कर्नाटक में कुल 21 सीटें हैं, जिसमें से बीजेपी 13 और कांग्रेस आठ सीटें जीत सकती है।
हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र में कुल 40 सीटें हैं, जिसमें कांग्रेस 32 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है, बीजेपी छह और जेडी (एस) दो सीटें जीत सकती है।
पुराने मैसूर में 62 सीटें हैं, जिसमें कांग्रेस 26 सीटें जीत सकती है, जद (एस) 28 सीटें जीत सकती है और भाजपा केवल सात सीटें जीत सकती है। बची हुई एक सीट पर 'अन्य' को जीत मिल सकती है।
19 सीटों वाले तटीय कर्नाटक में बीजेपी 15 और कांग्रेस 4 सीटें जीत सकती है।
बॉम्बे कर्नाटक क्षेत्र में 50 सीटें हैं, जिसमें भाजपा 29 जीत सकती है, कांग्रेस 20 और 'अन्य' को एक सीट पर जीत मिल सकती है।
मुख्यमंत्री की रेस में कौन हैं आगे
सर्वेक्षण के नतीजों से पता चलता है कि कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया को 32.2 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया है और इसी के साथ वे सीएम की रेस में सबसे आगे हैं। इसके बाद 26.83 प्रतिशत लोग वर्तमान मुक्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पक्ष में हैं। 16.37 प्रतिशत लोगों ने जहां जद (एस) नेता और पूर्व सीएम एच डी कुमारस्वामी को चुना है, जबकि 10.97 प्रतिशत लोगों ने भाजपा नेता और पूर्व सीएम बी एस येदियुरप्पा को अपना समर्थन दिया है। वहीं, सबसे बड़ी बात ये है कि सीएम पद के लिए केवल सात फीसदी लोगों ने ही कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को तरजीह दी है।
जनमत सर्वेक्षण सीएनएक्स द्वारा विधानसभा की कुल 224 सीटों में से 112 सीटों के लिए हुए सर्वे में 11,200 लोगों ने भाग लिया जिसमें 5,620 पुरुषों और 5,580 महिलाओं ने अपनी राय दी। सर्वे में जनसांख्यिकीय, पेशा और प्रवासन आयामों को ध्यान में रखते हुए लोगों को मुख्य रूप से चुना गया था।
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