पंजाब मेल को रोककर "क्रांतिकारियों ने उड़ा दी थी ब्रिटिश हुूकूमत की नींद" !!

आज हम आपको ऐसी महत्वपूर्ण घटना के बारे में बताएंगे जिसने अंग्रेजी हुकूमत को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था। ये घटना इतनी बड़ी थी कि अंग्रेज इस कांड के बाद डरने लगे थे और आनन फानन में अंग्रेजों ने वीर क्रांतिकारियों को फांसी के फंदे पर लटका तो दिया लेकिन इसका खौफ उनके दिल मे हमेशा के लिए बना रह गया।

Aug 9, 2023 - 12:15
Aug 9, 2023 - 12:35
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पंजाब मेल को रोककर "क्रांतिकारियों ने उड़ा दी थी ब्रिटिश हुूकूमत की नींद" !!

आज अगर हम आजाद भारत में सांस ले रहे हैं तो इसमें हमारे देश के वीर क्रांतिकारियों के बहुत बड़ा योगदान है। हमारे देश के कई वीर क्रांतिकारियों ने भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। अलग अलग समय पर अंग्रेजों के खिलाफ हमारे क्रांतिकारियों ने कई घटनाओं को अंजाम दिया है। इसलिए आज हम आपको ऐसी महत्वपूर्ण घटना के बारे में बताएंगे जिसने अंग्रेजी हुकूमत को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था। ये घटना इतनी बड़ी थी कि अंग्रेज इस कांड के बाद डरने लगे थे और आनन फानन में अंग्रेजों ने वीर क्रांतिकारियों को फांसी के फंदे पर लटका तो दिया लेकिन इसका खौफ उनके दिल मे हमेशा के लिए बना रह गया। 

अगस्त 1925 में काकोरी में ट्रेन डकैती एचआरए की पहली बड़ी कार्रवाई थी। 8 नंबर की डाउन ट्रेन शाहजहाँपुर और लखनऊ के बीच चलती थी। उसमें रखा अंग्रेजों का जो खजाना क्रांतिकारियों ने लूटने की योजना बनाई, जिसे वे वैसे भी वैध रूप से भारतीयों का मानते थे। उनका उद्देश्य एचआरए को निधि देना और अपने काम और मिशन के लिए जनता का ध्यान आकर्षित करना दोनों था। ये उस दौर में ये अंग्रेजों के खिलाफ एक बहुत बड़ा क्रांतिकारी कदम था। जिस जगह पर इस ट्रेन को रोककर इसका खजाना लूटा गया था। उस जगह का नाम काकोरी है।
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